दिन बीते, महीने बीते,
आखिर साल भी बीत गया।
कब आई उन्तीस जनवरी,
मैं गिनती भी भूल गया।
आज का दिन है बड़ा मुबारक,
मेरे छोटे जीवन में।
बरसों पहले एक कली,
मुस्काई थी इस उपवन में।
महेक उठी थी सुनी बगीया,
चहेक उठा था आंगन।
खुशियां ईतनी बरसी कि,
हम भूल गए थे सावन।
आज वही शुभ जन्मदिवस है,
गीत खुशी के गाएं।
ईश्वर से हम करे प्रार्थना,
दें तुम्हें आशिष और दुआएं।
सुख-शांति का संग रहे,
और भागे तुम से दूर बलाएं।
और तुम्हें क्या दे सकते हम,
कुछ तो अपने पास नही।
हंसते-खेलते तुम्हे हम देखें,
इससे बढ़कर आस नहीं।
कोषा खूब तुम्हे आशिष है,
आमा, बाबा और मम्मी से।
प्यार-दुलार और ढेर से आशिष,
करते पापा अपनी मुन्नी से।
राज-कर
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